Buddha Festival: बौद्ध उत्सव

Buddha Festival: बौद्ध उत्सव 

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्सा 

Buddha Festival: बौद्ध उत्सव

Buddha Festival 

इस लेख में Buddha Festival या बौद्ध उत्सव और उन के महत्त्व के बारे में विस्तार से जानकारी साझा करेंगे। बौद्ध परंपरा में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्त्व है। Buddha Festival के बारे विस्तार के चर्चा करने से पहले हम बौद्ध परंपरा में पूर्णिमा के महत्त्व के बारे में जानते हैं;  सिद्धार्थ गोतम ने पूर्णिमा के दिन लुम्बनी वन में जन्म ग्रहण किया, पूर्णिमा के दिन  ही दिन ज्ञान या बोधि को प्राप्त हुये, और पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध ने महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुये। आगे इस लेख में बौद्ध उत्सवों का महत्त्व एवं विस्तार से जानकारी नीचे उपलब्ध है। 

पूर्णिमा बौद्धों का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। हर माह की पूर्णिमा के दिन सभी धार्मिक स्थलों पर भ्रमणकरना चाहिए। भिक्षु अष्टशील ग्रहण करते हैं और अष्टशीलों के साथ उपोस्थ व्रत का संकल्प लेते हैं। इनमें त्रिरत्न - पूजा - वंदना, दान, शील और मेत्ता - भावना आदि के साथ पुण्य कर्म मिलते हैं। नियमित बुद्ध- धम्म-संघ वंदना करते हैं और खीर का भोजन वितरण करते हैं। भिक्खु/भिक्खुणियों को भोजन-दान और संघ-दान करते हैं। इन विशेष अवसरों पर बौद्ध उपासक - उपासिकाओं  द्वारा सफ़ेद (स्वच्छ) वस्त्र धारण किये जाते हैं।

Buddha Festival Name: बौद्ध उत्सव नाम 

बौद्ध उत्सवों का विवरण - 

1. चैत्र/चेत पूर्णिमा (अप्रैल) :

1.सुजाता द्वारा सिद्धार्थ गोतम/सुकीती को पायस (खीर) दान (ई. पू. 528) 

2. तथागत द्वारा कलामों को कलामसुत का उपदेश। 

3. सम्राट अशोक जयंती। 

( चेत मास उजला पाख - साक्य संवत तिथि आठ )

4. विश्व पालि भाषा दिवस (1 अप्रैल )

5. बोधिसत्व बाबा साहेब जयंती (14अप्रैल) 


2. पूर्णिमा (मई) :

1.  गोतम सिद्धार्थ का लुम्बिनी वन में जन्म (ई.पू. 563) 

2. राजकुमार गोतम सिद्धार्थ का राजकन्या यशोधरा से मंगल परिणय होना (ई.पु. 547) 

3. उरुवेला (बोधगया) में गौतम सिद्धार्थ को बुद्धत्व ज्ञान प्राप्त कर सम्यक संबुद्ध बने। ( ई . पू .528 रविवार ) 

4. कुशीनगर के शालवन में तथागत सम्यकसंबुद्ध महापरिनिर्वाण प्राप्त हुए । ( ई. पू. 483 शुक्रवार ) 

 

3.जेष्ठ/जेठ पूर्णिमा (जून):

1. उत्कल (ओडिसा) में तपसु एवं भल्लिक व्यापारियों की धम्म दीक्षा। 

2. सुजाता की धम्म दीक्षा। 

3. महाधम्म दायाद (सम्राट अशोक के पुत्र )

4. महामहिम थेर (महेंद्र) का लंका में आगमन (ई. पू. 252)  

5. महा धम्मिक सम्राट अशोक की पुत्री एवं भिक्खुनी माता संघ मिता अनुराधापुर में बोधिवृक्ष की शाखा की स्थापना की गई थी। 

6. भिक्खु महामती महेंद्र का लंका में परिनिर्वाण (ई. पू. 203)  

 

4. आषाढ़ पूर्णिमा (जुलाई):

1. सिद्धार्थ की माता महामाया का स्वप्न (ई. पू. 564) 

2. राजकुमार  सिद्धार्थ गोतम  के गृहत्याग या महाभिनिष्क्रमण) (ई.पू. 534 सोमवार)  

3. धम्मचक पवित्र दिवस (पंचवर्गीय भिक्षुओं को सारनाथ में मनाया जाता है) = 3 साक्य + 2 कोलिया 

4. तथागत बुद्ध के संघ का वर्षावास आरंभ (प्रथम दिवस) (ई. पू. 528) 

 

5. श्रावण/सावन पूर्णिमा (अगस्त): 

1. श्रावक अंगुलीमाल की धम्म जयंती। (ई.पू. 504) 

2. राजगृह की सप्तपणि गुफा में प्रथम बौद्ध संगीती समारोह हुआ। तिपिटक संगायन दिवस (ई पू 483) 

3. नागपंचमी

 

6. भाद्रपद या मधु पूर्णिमा (सितंबर): 

1. पारिलेयक वन में भगवान के विहार के समय हाथी-बंदरों द्वारा केले और मधु का दान दिया गया। 

2. राजा के सुशासन हेतु राजा प्रसेनजित  को तथागत द्वारा देशना । 

3. विश्व पालि गौरव दिवस (अनागरिक धम्म पाल जयंती) 

 

7. आश्विन पूर्णिमा (अक्टूबर):

1. भगवान बुद्ध द्वारा संघ के वर्षावास की समाप्ति एवं पवारणा महोत्सव। 

2. माता महामाया को सद्धम्म का उपदेश देने के तीन माह बाद तथागत सम्यकसंबुद्ध संकिसा पधारे थे। 

3. असोक धम्म-विजया दशमी (ई-पू-226) 

4. बोधिसत्व बाबा साहब का धम्म दीक्षा दिवस (14-अक्टूबर-1956) 

 

8. कार्तिक/कातिक पूर्णिमा (नवंबर): 

1. तथागत सम्यकसंबुद्ध धम्म प्रचार अनुदेशना। 

सारनाथ के मृगदाव वन में प्रथम 60 अर्हंत भिक्षुओं को लोक कल्याण के लिए, चार दिशाओं में जाकर भ्रमण धम्म संदेश के लिए रवाना होना। 

2. कश्यप बंधुओं की धम्म दीक्षा। 

3. धम्म सेनापति सारिपुत्र का धम्म दीक्षा । 

4. सारिपुत्र के तीन भाई- सुंद, उपसेन एवं रेवत तथा तीन बहनें- चाला, उपचाला एवं सिसुपचाला को धम्म दीक्षा। 

5. धम्म सेनापति सारिपुत्र का नालक गांव (ग्राम) में निर्वाण। (इ.पू.484) 

6. धम्म सेनापति महामोग्लायन की निर्मम हत्या।  

दीपदानोत्सव (धम्म सम्राट अशोक द्वारा 84000 स्तूप/विहारों/पत्थर-स्तंभ अभिलेखों का उद्घाटन किया गया था।) 

7. सारनाथ में मूलगंध कुटी विहार पर अनागरिक धम्म पाल द्वारा 11.नवंबर.1931 को तक्षशिला स्थित बुद्ध धातु अवशेष (अस्थि) की स्थापना की गई थी। 

8. भारतीय संविधान दिवस (26 नवंबर)

  ( 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ )


9. मार्गशीर्ष पूर्णिमा या अगाहन मास (दिसंबर): 

1. भगवान बुद्ध की हत्या के लिए देवदत्त द्वारा भेजे गए पागल हाथी 'नालगिरी' पर विजय प्राप्त करना। 

2. राजा बिंबिसार का धम्म महोत्सव। 

3. सम्राट अशोक की पुत्री संघमिता प्रवज्या ग्रहण कर भिखुनी बनीं। 

4. बोधिसत्व बाबा साहेब का महानिर्वाण दिवस (6 दिसंबर 1956)

 

10. पौष / पोष पूर्णिमा (जनवरी): 

1. भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व प्राप्ति के बाद राजगृह के राजा बिंबिसार से पहली बार भेंट की। (ई.पू. 527 ) 


11. माघ पूर्णिमा (फरवरी):

1. तथागत द्वारा सारिपुत्र और महामोग्लायन को धम्म सेनापति बनाया। 

2. सम्यक संबुद्ध द्वारा वेशाली (चापाल चैत्य) तीन माह बाद महापरिनिर्वाण प्राप्त करने की घोषणा की थी। (ई.पू. 488) 

3.बुद्ध ने वैशाली नगर में लिच्छवियों को अपना भिक्षापात्र दान किया।  

4. वेशाली नगर में बुद्ध धातु (अस्थि) पर निर्मित स्तूप को खोजा गया। 

 

12. फाल्गुन पूर्णिमा (मार्च):

1. गोतम सिद्धार्थ बुद्धत्व प्राप्ति के बाद बुद्ध कपिलवस्तु में प्रथम बार पधारे। (ई. पू. 527) 

 2. सात साल के बेटे राहुल और मोसी का लड़का भाई नंद को धम्म दीक्षा देना।  

३. धम्म-पद महोत्सव


इन्हें भी देखें: 

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